आप सब जानते हैं गणेश शिव पार्वती की संतान हैं।
पर एक सच यह भी है वो अकेले पार्वती के पुत्र महान हैं।
पार्वती माँ ने उन्हें अपने शरीर के उवटन से बनाया है।
तभी पड़ा गौरी गिरिजनन्दन नाम हैं।
एकबार माता पार्वती स्नान करने गुफा में गयीं ,
गणेश को पहरे पर बिठा दिया शक्त आदेश दे गयीं,
जब तक मैं स्नान न कर लूं किसी को आने न देना,
तुमको यह गणपति प्यारे रखना ध्यान है।
माता की आज्ञा पालन हेतु गणेश वही जम गए,
माँ की बात मान वहीं थम गए,
तभी भोले नाथ का आगमन हुआ ,
वह गुफा की तरफ बड़े ,तभी गणेश ने मार्ग रोक लिया,
मां की बात का रख्खा मान है।
इसी बत पर क्रोधित हो गए शिव
पर गणेश ने उन्हें गुफा में न जाने दिया तब,
शिव ने क्रोध में आकर गणेश का सिर काट दिया,
क्रोद्ध शिव का महान है।
माँ पार्वती को जब पता चला,
जब माता ने भयंकर विलाप आरम्भ किया,
सारे संसार में त्राहि त्राहि मच गई,
धरती आकाश सभी हुए परेशान हैं।
मां पार्वती को व्यथित देख शिवजी ने,
अपने गणों के भेजा कहा जाओ जल्दी से,
ऐसे बच्चे का शीश काटकर लाओ ,
जिसकी माँ उसकी तरफ मुँह न किए हुए हो,
शिवजी के गण कर रहे ताय छान हैं।
यह काम निश्चित अवधि में हो जाना चाहिए ,
यानी रात्रि से पहले शीश जुड़ जाना चाहिए,
शिवजी के गणों ने बहुत तलाश की ,
परन्तु कोई माँ ऐसी न मिली ,
जो अपने बच्चे के तरफ पीठ करके कर रही विश्राम हैं।
तभी जंगल मे एक हथिनी दिखी,
जो अपने शिशु के तरफ पीठ करके सो रही थी,
तभी गणों ने उसके बच्चे का शीश काटकर ,
शिव जी को दिया और शिव ने वह शीश,
गणेश के धड़ पर लगा फूंक दिए शिव में प्राण हैं।
जब से गज का शीश धारण गणेश ने किया,
तव से उनको गजानन नाम सबने दिया,
और सब देवो ने गणपति को वरदान दिया ,
तब से सब देवों से पहले तुम्हे दिया तुम्हें स्थान है।
तुन्हें सबसे श्रेष्ठ माना जाएगा।
तब से गणेश जी की पूजा सर्वप्रथम मनाएगा
सारे क्मकार्य वो निर्विघ्न कर पाएगा,
Niraj Pandey
11-Oct-2021 11:59 PM
बहुत बेहतरीन
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Shalini Sharma
04-Oct-2021 03:15 PM
Nice
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Seema Priyadarshini sahay
30-Sep-2021 06:16 PM
बहुत खूब मैम
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